भाई दूज कैसे मनाया जाता है? भाई दूज का त्योहार कैसे किया जाता है?

भाई दूज, भारतीय सांस्कृतिक परंपरा में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो भाई-बहन के प्रेम और बंधन को समर्पित है।भाई दूज का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. यह दीपावली के पांच दिवसीय महोत्सव का आखिरी दिन होता है, यह पर्व खासकर हिन्दू समुदाय में मनाया जाता है। भाई दूज त्योहार को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है. वही इस साल भाई दूज का त्यौहार 15 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा. भाई दूज का मुहूर्त 14 नवंबर दोपहर 2:00 बजाकर 36 मिनट से प्रारंभ होगी वही 15 नवंबर 2023 दोपहर 1:45 पर खत्म हो जाएगी. बहुत लोगों कंफ्यूज थे कि इस साल यानी 2023 में भाई दूज का त्यौहार किस तिथि को मनाया जाएगा तो आपको बता दे कि इस साल भाई दूज 14 और 15 नवंबर दोनों ही दिन मनाया जाएगा.

भाई दूज कैसे मनाया जाता है?

भाई दूज
भाई दूज

अगर आपको भी मालूम नहीं है कि भाई दूज कैसे मनाया जाता है तो हमने पूरी स्टेप बाय स्टेप बताया है- भाई दूज के दिन भाई अपनी बहन के घर जाते हैं. इसके बाद सभी बहनें अपनी भाई को आदर के साथ स्वागत करती हैं और उनका तिलक करती हैं. तिलक करने से पहले भाई और बहन दोनों को ही यमराज और यमुना जी की पूजा करनी चाहिए. पूजा के दौरान बहन को भाई की सभी मुसीबतें दूर करने और उसे लंबी आयु प्रदान करने की प्रार्थना करनी चाहिए.इस दिन भाई को बहन के हांथो मुंह मीठा कराया जाता है. इसके बाद भाई को नारियल दिया जाता है,साथ ही इस दिन भाइयों का मनपसंद भोजन अपने हाथों से बना कर उन्हें खिलाना चाहिए. इस त्यौहार को भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है. किस दिन यमराज और चित्रगुप्त की पूजा होती है. भाई दूज मनाने की शुरुआत यमराज और यमुना जी ने की थी.

ऐसा माना जाता है कि भाई दूज के दिन ही भगवान श्री कृष्ण नरकासुर राक्षस को मारकर द्वारिका लौटे थे. इस दिन भगवान कृष्ण की बहन सुभद्रा ने फल-फूल, मिठाई और दिये जलाकर उनका स्वागत किया था. सुभद्रा ने भगवान श्री कृष्ण के मस्तक पर तिलक लगाकर उनकी दीर्घायु की कामना की थी. इसी दिन से बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं,और बहने अपने भाई को जुग-जुग जीने की कामना करती है.

ऐसे मनाएं भाई दूज का त्योहार:

  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहा धोकर ध्यान करें.
  • इस दिन अपने घरों को सजाएं ध्यान रखें कि घर सजाते समय रंगीन कपड़े और फूलों का इस्तेमाल करें.
  • घर के मंदिर में घी का दीपक जलाकर ईश्वर का ध्यान करें.
  • यमराज और यमुना के साथ भगवान गणेश और भगवान विष्णु की पूजा करें.
  • पिसे चावल से चौक बनाएं. बहनें, भाई को तिलक लगाकर आरती उतारें और भाई के स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करें.और उन्हें आशीर्वाद दें। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे खुश रहेंगे।
  • इस दिन अपने भाई का पसंदीदा खाना बनाकर अपने हाथों परोसें इससे भाई को खुशी मिलेगी और उनका दिन शुभ रहेगा।
  • घर में एक सुखद माहौल बनाए रखने के लिए छोटे खेलों का आयोजन करें।

भाई दूज का त्योहार क्यों मनाया जाता है?

भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के प्यार और स्नेह का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर टीका या तिलक लगाकर उन्हें आशीर्वाद देती हैं. इस दिन भाई-बहन एक-दूसरे को उपहार देते हैं या आशीर्वाद लेते हैं. इस दिन भाई अपने बहनों का आशीर्वाद लेकर उनकी जीवनभर रक्षा करने का वचन देता है.भाई भी अपनी बहन को हर बुराई से बचाने का वादा करते हैं. भाई दूज का त्यौहार मनाने से भाई की जिंदगी में सुख समृद्धि भरी रहती है.इसी वजह से भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है.

भाई दूज से जुड़ी कुछ कहानियां:

  • भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को हराने के बाद अपनी बहन सुभद्रा से मिलने गए थे.
  • यमुना अपने भाई यमराज से इतना प्यार करती थीं कि वह चाहती थीं कि हर साल एक दिन निश्चित हो जिस दिन यमराज यमुना से मिलने आएं.
  • यमुना ने भाई यमराज का इतना अच्छा स्वागत किया कि यमराज ने उसे खुश होकर वरदान मांगने के लिए कहा.
  • यमराज ने यामी को वरदान दिया कि आज के बाद जो भी बहन अपने भाई के माथे पर तिलक करे उसे यमराज का भय न रहे.

भाई दूज पर गोला क्यों दिया जाता है?

भाई दूज
भाई दूज

भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को नारियल का गोला देती हैं. आखिर क्या है इसके पीछे की कहानी- ऐसा माना जाता है कि यमुना ने अपने भाई यमराज को नारियल दिया था. यमुना का मानना था कि नारियल का गोला उनके भाई यम को उनकी याद दिलाता रहेगा. इसीलिए बहने आज भी अपने भाई को नारियल का गोला देती देती है ताकि भाई जहां भी रहे बहन की याद आती रहे.

मान्यता यह भी है कि- यमुना ने अपने भाई से वचन लिया था कि चाहे वे कितने भी व्यस्त क्यों न हों, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यानी भाई दूज को मिलने अवश्य आएंगे. माना जाता है कि तभी से भाई दूज के दिन भाई अपनी विवाहित बहन के घर टीका कराने जाते हैं और बहन अपने भाई को नारियल का गोला भेंट में देती है.

भाई दूज के दिन भाई बहन के साथ यमुना मे स्नान करने की भी मान्यता है. भाई दूज भारत के अधिकांश हिस्सों में मनाया जाता है, लेकिन यह पश्चिम बंगाल में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. बंगाल में, त्योहार को भाई फोटा के नाम से जाना जाता है.

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल(FAQ)

2023 में भाई दूज है 14 या 15?

2023 में भाई दूज का त्योहार 15 नवंबर को मनाया जाएगा.

भाई दूज कितने बजे का है?

भाई दूज 14 नवंबर 2023 दोपहर 2:36 बजे से शुरू होकर 15 नवंबर दोपहर 1:47 तक मनाई जाएगी.

भाई दूज किस लिए मनाया जाता है?

भाई दूज का त्यौहार भाई के रक्षा के लिए मनाया जाता है. इस दिन बहनें भाई के माथा पर तिलक लगाती है.ऐसा करने से भाई की अकाल मृत्यु नहीं होती हैं.

भाई दूज पर क्या नहीं करना चाहिए?

बहनों को इस दिन तिलक लगाने से पहले खाना नहीं खाना चाहिए इसके अलावा भाई दूज के दिन बहन-भाई को किसी भी बात पर बहस या झगड़ा नहीं करना चाहिए. इस दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए. बहन के घर या उसके द्वारा बनाए गए भोजन का निरादर नहीं करना चाहिए. इस दिन मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.

भाई दूज के लिए क्या क्या सामग्री चाहिए?

भाई दूज के दिन यह निम्नलिखित सामग्री होनी चाहिए-सिंदूर,फूल,चावल के दाने,सुपारी,पान का पत्ता,चांदी का सिक्का,नारियल,फूल माला,मिठाई,कलावा,दूब घास,केला.

भाई दूज के दिन किसकी पूजा होती है?

भाई दूज के दिन यमराज, यमुना, भगवान गणेश, और चित्रगुप्त की पूजा की जाती है.

रक्षा बंधन और भाई दूज में क्या अंतर है?

रक्षा बंधन और भाई दूज में कई अंतर हैं: रक्षा बंधन का त्योहार श्रावण मास में मनाया जाता है, जबकि भाई दूज का त्योहार कार्तिक मास में मनाया जाता है.
रक्षा बंधन अगस्त में मनाया जाता है, जबकि भाई दूज अक्टूबर या नवंबर में मनाया जाता है. रक्षा बंधन पर बहनें भाइयों की कलाई पर पवित्र धागा बांधती हैं. भाई दूज में आरती और टीका प्रमुख भूमिका निभाते हैं. रक्षा बंधन पर धागे का अर्थ होता है कि भाई किसी भी बुराई से अपनी बहन की रक्षा करेगा. भाई-दूज पर बहन भाई के माथे पर तिलक लगाती है. भाई दूज के दिन बहनें भाई को खाना खिलाने के बाद उन्हें पान खाने को भी देती हैं. भाई दूज के दिन यमराज और यमुना नदी की पूजा की जाती है. भाई दूज में भाई अपनी बहन के घर जाकर भाई दूज मनाता है. रक्षा बंधन में भाई-बहनों के बीच राखी बांधना और उपहारों का आदान-प्रदान करना शामिल है. रक्षा बंधन और भाई दूज दोनों ही भाई-बहन के रिश्ते के त्योहार हैं. रक्षा बंधन का मतलब है सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य. भाई दूज को भाऊ बीज के नाम से भी जाना जाता है.

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