Karwa Chauth 2023: करवा चौथ कब है? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री, कथा और पूजन विधि की सभी जानकारी

Karwa Chauth 2023: जैसा की आप सभी लोग जानते है कि महिलाओं का प्रिय पर्व करवा चौथ का त्योहार जल्द ही आने वाला है, विवाहित महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र और घर में खुशहाली लाने के लिए करवा चौथ का व्रत रहती है, वैसे तो करवा चौथ का पर्व हर साल के कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है यह व्रत सुहागन स्त्री अखंड सौभाग्य प्राप्त करने के लिए पूरा दिन निर्जल उपवास करती है और रात में चांद की पूजा करके अपना व्रत तोड़ती है, इस साल 2023 में करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर 2030 को मनाया जाएगा इस दिन सभी सुहागिन महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र के लिए निर्जल उपवास करेंगे आई जानते हैं Karwa Chauth 2023 के बारे में सभी जानकारियां विस्तार से

Karwa chauth 2023 Kab Hai: करवा चौथ कब है?

सभी महिलाओं को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है क्योंकि सभी सुहागिन महिलाये करवा चौथ के अपने पति के लम्बी उम्र के लिए निर्जल उपवास करतीं हैं, और आप सभी को बता दे कि इस साल 2023 में करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर 2023 दिन बुधवार को रखा जाएगा हालांकि 31 अक्टूबर 2023 रात 9:30 पर चतुर्थी तिथि प्रारंभ हो जाएगी लेकिन 1 नवंबर 2023 को ही करवा चौथ का व्रत पूरे विश्व भर में मनाया जाएगा। करवा चौथ के दिन सभी सुहागिन महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र के लिए निर्जल उपवास करेंगे और रात्रि में चंद्रमा की पूजा करके अपना व्रत तोड़ेंगे यह व्रत महिलाएं सुख समृद्धि और अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं अगर आप भी करवा चौथ का व्रत रखना चाहती है तो 1 नवंबर 2023 को पूरे विधि और विधान से करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं।

Karwa Chauth 2023: करवा चौथ कब है? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री, कथा और पूजन विधि की सभी जानकारी
Karwa Chauth 2023: करवा चौथ कब है? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री, कथा और पूजन विधि की सभी जानकारी

करवा चौथ व्रत का शुभ मुहूर्त कब है (Karwa Chauth 2023 Shubh Muhurt)

Karwa Chauth 2023: करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर दिन बुधवार को चतुर्थी तिथि में होगा इसके साथ ही अगर हम शुभ मुहूर्त की बात करें तो करवा चौथ व्रत का शुभ मुहूर्त 1 नवंबर रात 9:19 से होगा इसके साथ ही करवा चौथ का पूजा करने के अगर शुभ मुहूर्त की बात करें तो 1 नवंबर को शाम 5:35 से 7:00 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त होगा इस शुभ मुहूर्त पर आप सभी सुहागिन महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र के लिए चांद की पूजा करके और निर्जल उपवास करके इस व्रत को पूरा कर सकते हैं।

करवा चौथ पूजन समाग्री (Karwa chauth Poojan Samagree)

Karwa Chauth 2023: करवा चौथ कब है? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री, कथा और पूजन विधि की सभी जानकारी
Karwa Chauth 2023: करवा चौथ कब है? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री, कथा और पूजन विधि की सभी जानकारी

अगर आप भी एक विवाहित महिला है और आप भी करवा चौथ का व्रत रखना चाहती है तो आप लोग इस बात को लेकर अवश्य चिंतित होंगे कि करवा चौथ में कौन-कौन सी पूजन की सामग्री लगेगी तो आप सभी को बता दे की करवा चौथ की पूजा करने के लिए सभी सुहागिन महिलाओं को सबसे पहले तो मिट्टी का एक टोटीदार करवा और एक सिंपल सा करवा लेना होगा और दीपक, रुई, अगरबत्ती, गंगाजल, कुमकुम, रोली, चंदन, अक्षत, फूल, माला, कच्चा दूध, दही, देसी घी, शहद, चीनी, हल्दी, मेहंदी, महावर, सिंदूर और श्रृंगार के सभी सामान के साथ-साथ चंद्र दर्शन के लिए छलनी भी अवश्य लेनी चाहिए।

करवा चौथ का चांद कब निकलेगा?

अगर हम इस साल 2023 में आने वाले करवा चौथ व्रत के शुभ मुहूर्त और चांद के निकलने के समय की बात करें तो इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर 2023 को सभी महिलाएं रहेगी और चांद निकलने का समय लगभग 9:00 बजे शाम को है।

करवा चौथ पूजन विधि-

Karwa Chauth 2023: करवा चौथ कब है? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री, कथा और पूजन विधि की सभी जानकारी
Karwa Chauth 2023: करवा चौथ कब है? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री, कथा और पूजन विधि की सभी जानकारी

करवा चौथ के दिन सभी विवाहित महिलाओं को सुबह सूर्योदय के पहले उठकर स्नान कर लेना चाहिए उसके बाद पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करके भगवान शिव की आराधना करें और सोलह सिंगार करने के बाद ही पूजा स्थल में बैठकर कलश की स्थापना करें और गेरू व पिसे हुए चावल के घोल से करवा का चित्र बनाकर शिवजी की प्रतिमा स्थापित करें। और शिवाजी से आशीर्वाद लेकर निर्जल व्रत की शुरुआत करें इसके बाद आप शाम को करवा चौथ के शुभ मुहूर्त पर पूजन स्थल को साफ करने के बाद आप शोले सिंगार करके भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करें मां पार्वती को सुहाग का सामान अर्पित करें ध्यान रहे की सुहाग के समान में सोलह सिंगार अवश्य होना चाहिए अब इसके बाद आप करवा माता की व्रत कथा को पढ़ें और अंत में अपने पति की दीर्घायु की कामना करते हुए अपने साथ से आशीर्वाद लेकर उन्हें करवा भेंट करें और इसके बाद चंद्र दर्शन करके उन्हें अर्द्ध दे दीप जलाकर प्रसाद अर्पित करें इसके बाद अपने पति का आशीर्वाद ले और अपने पति द्वारा पानी पीकर अपने व्रत का समापन करें।

करवा चौथ की कथा (Karwa Chauth Ki Katha)

आज की इस लेख में हम बात करने वाले हैं कि आखिर में करवा चौथ का त्यौहार क्यों मनाया जाता है और इस दिन महिलाएं निर्जल उपवास क्यों करती हैं करवा चौथ का व्रत रहने से क्या महत्व है आज के इस लेख में naibhart.com द्वारा आप सभी को यह बताया जाएगा कि करवा चौथ का क्या महत्व है, आइए पढ़ते है करवा चौथ की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार करवा नाम की एक पतिव्रता स्त्री थी जिसका पति एक दिन नदी में स्नान करने गया था लेकिन स्नान करते समय करवा के पति का एक मगरमच्छ ने उसका पैर पकड़ लिया और करवा के पति ने सहायता के लिए अपने पत्नी करवा को बुलाया, करवा के पास इतनी शक्ति थी कि करवाने अपने तपोबल से उसे मगरमच्छ को बंद दिया था और फिर करवा मगरमच्छ को लेकर यमलोक में यमराज के पास पहुंच गई। तभी यमराज ने कर्म से पूछा कि हे देवी आप यह क्या कर रही हैं तभी करवाने यमराज से कहां की इसने मेरे पति के पर को पकड़ लिया था इसीलिए आप इसे मृत्यु दंड की सजा दें और इसको नर्क में ले जाएं लेकिन यमराज ने करवा से कहा कि किंतु करवा देवी अभी तो मगरमच्छ की आयु बची हुई है अभी इसकी मृत्यु का समय नहीं आया।

तभी करवा ने कहा कि अगर आप मगरमच्छ को मार कर मेरे पति को दीर्घायु का वरदान नहीं देंगे तो मैं अपने बाल के माध्यम से आपको ही नष्ट कर दूंगी तभी करवा माता की बात सुनकर चित्रगुप्त सोचने लगे क्योंकि करवा के सत्य के कारण ना तो वह उनको श्राप दे सकते थे और ना ही करवा के वचन को अनदेखा कर सकते थे तभी यमराज ने करवा के पति को दीर्घायु होने का आशीर्वाद दिया इसके साथ चित्रगुप्त ने करवा को यह भी आशीर्वाद दिया कि तुम्हारा जीवन सदैव सुख और समृद्धि से भरा होगा और जिस तरह से तुमने अपने पति को तपोवल से बचाया है इस तरह में या वरदान देता हूं कि आज की तिथि के दिन जो भी विवाहित महिला पुर श्रद्धा और विश्वास के साथ तुम्हारा व्रत और पूजन करेगी तो उसे मैं सौभाग्य वती होने का आशीर्वाद दूंगा। और उसके पति के प्राणों की रक्षा भी करूंगा, तभी से सभी विवाहित महिलाएं इस तिथि को करवा माता की पूजा करके अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जल उपवास रखती हैं और मां करवा से आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

करवा चौथ क्यों मनाया जाता है?

करवा चौथ का व्रत अपने पति के लंबी उम्र के लिए मनाया जाता है।

करवा चौथ व्रत के नियम क्या है?

करवा चौथ के दिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पर महिलाओं को देर तक नहीं सोना चाहिए इस दिन महिलाओं को सूर्योदय से पहले उठकर भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए करवा चौथ के दिन सोलह सिंगार करने चाहिए और करवा चौथ के दिन चांद की पूजा करनी चाहिए निर्जल व्रत रहना चाहिए और करवा चौथ का व्रत पूरे श्रद्धा और विश्वास के साथ रहना चाहिए और कथा का रसपान अवश्य करना चाहिए।

करवा चौथ कैसे मनाया जाता है?

करवा चौथ का व्रत शाम निर्जला उपवास करके और शाम को शुभ मुहूर्त पर चंद्रमा का दर्शन करके अपने पति से आशीर्वाद लेकर ही करवा चौथ का व्रत पूरा किया जाता है।

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