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Kinnar Ki Shadi: क्या आप जानते है किन्नर सिर्फ एक दिन और एक रात के लिए ही शादी क्यों करते है?

Kinnar Ki Shadi

Kinnar Ki Shadi

Kinnar Ki Shadi: इंसानों के बीच किन्नरों की दुनिया ही अलग होती है क्योंकि किन्नर ना तो पुरुष में आते हैं और ना ही महिला में आते हैं बल्कि ये अर्धनारी या अर्धपुरुष के नाम से भी जाने जाते हैं। कहीं जगह पर किन्नर ताली बजाते हुए लोगों से पैसे मांगते हुए दिखते हैं जिन्हें देखकर ही लोगों के मन में तरह-तरह के विचार आने लगते हैं एवं लोग सोच में पड़ जाते हैं, कि भगवान ने उनकी दुनिया अलग क्यों बनाई है। इस दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो अलग-अलग विचार के हैं कुछ लोगों के मन में तो किन्नर का नाम सुनकर ही तरह-तरह के सवाल आने लगते हैं लेकिन क्या आप लोगों ने कभी यह सोचा है कि किन्नर अपनी जिंदगी कैसे व्यतीत करते हैं,

क्या वे लोग भी शादी करते हैं? अगर आपके भी मन में कीनन को लेकर के तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं और आप भी यह जानना चाहते हैं कि किन्नर शादी करते हैं या नहीं तो आप लोग इस आर्टिकल की अंत तक बने रहे, आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आप लोगों को कीनन की शादी से संबंधित कुछ ऐसी बातें बताई गई है जिन्हें जानकर आप लोग हैरान हो जाएंगे आईए जानते हैं किन्नरों के शादी से जुड़े कुछ तथ्य-

किन्नर सिर्फ एक दिन और एक रात के लिए करते हैं शादी

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जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं अनेकों देश और अनेकों राज्यों में शादी विवाह के अलग-अलग परंपराएं हैं जिस तरह से महिला पुरुष एवं इंसानों में विवाह होता है उसी प्रकार किन्नर भी अपना विवाह करते हैं लेकिन आप लोगों को यह बात जानकर हैरानी होगी कि किन्नर सिर्फ एक दिन और एक रात के लिए विवाह करते हैं अब आप लोगों के मन में यह सवाल होगा कि किन्नरों से शादी कौन करता है या किन्नर किसे शादी करते हैं और एक दिन के लिए ही क्यों करते हैं। तो आप लोगों को बता देंगे किन्नर अपने कुल पूज्य देवता इरावनसे ही सिर्फ एक दिन और एक रात के लिए विवाह करते हैं।

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किन्नर की शादी किससे होती है?

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मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार आप लोगों को बता दें कि महाभारत युद्ध होने से पहले पांचो पांडवों ने युद्ध में विजय के लिए काली मां की पूजा की थी लेकिन इस पूजा को पूर्ण करने के लिए एक राजकुमार की बलि देना आवश्यक था और इस बली के लिए अर्जुन के पुत्र इरावन राजी हुए, और बोले मैं इस बाली के लिए तैयार हूं लेकिन मेरी एक शर्त है कि मैं बलि देने से पहले विवाह करना चाहता हूं। पांडव सोच में पड़ गए कि ऐसी कौन सी राजकुमारी होगी जो इरावन से विवाह करके अगले दिन विधवा होना चाहेगी। तभी इस समस्या का समाधान करने के लिए श्री कृष्णा मोहिनी रूप धारण करके इरावन से विवाह किए और विवाह के अगले दिन इरावन की बलि दे दी गई। तभी से किन्नर, इरावन को अपना भगवान मानने लगे और उन्हीं से एक दिन और एक रात के लिए अपना विवाह तय करते हैं और दूसरे दिन विधवा हो जाते हैं।

जानकारी के लिए आप लोगों को बता दें कि तमिलनाडु के वेल्लुपुरम जिले में स्थित कूवगम गांव में इरावन देवता का मंदिर भी स्थित है जहां पर आज भी किन्नर इरावन देवता को अपना कल पूछ भगवान मानकर एक दिन और एक रात के लिए शादी करते हैं और अगले दिन खुद को विधवा मानकर विलाप भी करते हैं।

किन्नरों की दुआ और श्राप

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ऐसा माना जाता है कि किन्नरों की दुआ और बददुआ दोनों इंसानों को बहुत ही जल्द लगती है यानी अगर किन्नर किसी भी इंसान के लिए दुआ करता है तो उसकी प्रार्थना भगवान तक जल्दी पहुंचती है एवं अगर वही किन्नर सामने वाले व्यक्ति के लिए श्राप या बददुआ करें तो भी उनका दिया हुआ श्राप इंसानों को बहुत ही जल्दी लगता है। इसीलिए ऐसा कहा जाता है कि किन्नरों से कभी भी बददुआ नहीं लेनी चाहिए। जब भी आपको कोई भी किन्नर मिले तो उसे खुश करना चाहिए ताकि वह आपके लिए भगवान से दुआ मांगे ना की बददुआ।
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