Makar Sankranti 2024 : जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं की मकर संक्रांति का त्योहार हिंदुओं का एक बड़ा त्योहार और महत्वपूर्ण त्योहार में से एक है भारत में आज 15 जनवरी 2024 को इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है वैसे तो इस पर्व को हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता था लेकिन इस बार मकर संक्रांति पूरे देश में 15 जनवरी को मनाया जा रहा है. इस दिन लोक पतंग उड़ाते हैं आखिर मकर संक्रांति पर पतंग क्यों उड़ाई जाती है आईए जानते हैं.
Makar Sankranti 2024
जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं की मकर संक्रांति के दिन लोग नदियों में स्नान करते हैं और तिल गुड़ दही का सेवन करते हैं,मकर संक्रांति में मकर शब्द मकर राशि को बताता है और संक्रांति शब्द का मतलब प्रवेश करना होता है जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि यह पर्व भारत का सबसे बड़ा और महत्व पर्व है,जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करती है तब मकर संक्रांति का त्योहार मनाई जाती है.
ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान भास्कर अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उसके घर जाते हैं। चूँकि शनिदेव मकर राशि के स्वामी हैं, अत: इस दिन को मकर संक्रान्ति के नाम से जाना जाता है। । मकर संक्रान्ति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जाकर मिली थीं.
मकर संक्रांति पर इस वजह से उड़ाई जाती है पतंग
![Makar Sankranti 2024](https://media.istockphoto.com/id/899346636/photo/happy-makar-sankranti-festival-greeting-card.jpg?s=612x612&w=0&k=20&c=SFFsirNBsnYbQRaCeOhrmo5729rvQ1GEX4RrcwBd1A8=)
मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने का एक बहुत बड़ी वजह है पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा आज से नहीं सदियों से चलते आ रहा है मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की शुरुआत भगवान राम ने शुरू की थी. तमिल की तन्नाना रामायण के मुताबिक, मकर संक्रांति के दिन भगवान राम ने पतंग उड़ाई थी, जो इंद्रलोक तक पहुंच गई थी. इसी वजह से इस दिन पतंग उड़ाई जाती है.
वही पतंग उड़ाने के पीछे एक और कारण है,पतंग को खुशी, आजादी, और शुभता का संकेत माना जाता है. इस दिन पतंग को आसमान में उड़कर लोग एक दूसरे के साथ खुशियां मनाते हैं, इसके अलावा जब लोग धूप में जाकर पतंग उड़ाते हैं तो हमारे शरीर में विटामिन डी प्राप्त होता है जो हमारे शरीर के लिए लाभदायक होता है मकर संक्रांति का त्यौहार खुशियां और उत्साह का एक पर्व है जिसे भारत नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है तो वहीं भारत में मकर संक्रांति को कई नाम से जाना भी जाता है.
मकर संक्रांति को कितने नामों से जाना जाता है?
मकर संक्रांति का त्योहार भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है तमिलनाडु में मकर संक्रांति को ताइ पोंगल, उझवर तिरुनल के नाम से जाना जाता है.गुजरात और उत्तराखंड में मकर संक्रांति को उत्तरायण के नाम से जाना जाता है. कश्मीर की घाटी में मकर संक्रांति को शिशुर सेंक्रात के नाम से जाना जाता है.हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब में मकर संक्रांति को माघी के नाम से जाना जाता है वही असम की बात करें तो असम में भोगाली बिहु/माघ बिहू नाम से जाना जाता है इसके अलावा उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार में मकर संक्रांति को खिचड़ी के नाम से जाना जाता है. मुख्य रूप से मकर संक्रांति को अलग-अलग राज्यों और अलग-अलग देश में 20 नामों से जाना जाता है.
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मकर संक्रांति का अन्य देशों में नाम
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि भारत के अलावा मकर संक्रांति को बांग्लादेश,नेपाल,थाईलैंड,लाओस,म्यांमार कंबोडिया,श्रीलंका में भी मनाया जाता है जिनमें निम्नलिखित नाम से जाना जाता है: Shakrain/ पौष संक्रान्ति,माघे संक्रान्ति या ‘माघी संक्रान्ति’ ‘खिचड़ी संक्रान्ति’, สงกรานต์ सोंगकरन,पि मा लाओ,थिंयान,मोहा संगक्रान अंतिम में श्रीलंका में मकर संक्रांति को पोंगल, उझवर तिरुनल के नाम से जाना जाता है.
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