Mughal Harem: ऐसे तय होता था कि आज की रात कौन होगा बादशाह के बिस्तर पर, फिर सारी रात करते थे ये काम

Mughal Harem : मुगलों के शासन में एक मुगल हरम हुआ करता था जहां पर मुगलो द्वारा हजारों महिलाओं को रखा जाता था मुगल हरम में 5000 महिलाएं हुआ करती थी जिनमें से कुछ किन्नरे और अन्य महिलाएं हुआ करती थी, जिसमें से जो महिलाएं ज्यादा सुंदर हुआ करती थी उन्हें मुगल बादशाह अपने लिए चुना करते थे ताकि मुगल बादशाह का दिन और रात उन महिलाओं द्वारा बीत सके मुगल बादशाह अपना समय व्यतीत करने के लिए सभी महिलाओं में से किसी एक महिला को चुनते थे और दिन-रात बराबर कोई नया नया खेल खेलते या नित्य करवा कर अपना समय व्यतीत करते थे, मुगल हरम की महिलाएं बिना बादशाह के आदेश के मुगल हरम से बाहर तक नहीं आ सकती थी यहां तक की मुगल हरम में बादशाह के अलावा किसी अन्य का भी आना जाना संभव नहीं था.

इसके साथ ही रानियो की सुरक्षा और उनके कामकाज में मदद के लिए उन्हें महिलाएं और किन्नरों में से किसी को चुनना होता था, मुगल हरम में उन सभी महिलाओं और किन्नरों के रखरखाव और सुरक्षा के लिए सैनिक भी रखे जाते थे ताकि मुगल हरम में रहने वाली किसी भी महिला को कोई किसी भी प्रकार का तकलीफ ना हो, अब आप सभी लोगों के मन में यह सवाल आता होगा कि मुगल हरम में मुगल बादशाह लोग यह कैसे तय करते थे कि किस दिन कौन सी महिला को अपने समय व्यतीत करने के लिए चुनना है, तो आज के लेख में हम चर्चा करेंगे कि मुगल बादशाह के बिस्तर तक कौन सी महिला जाएगी और कौन से महिला नहीं जाएगी इन सभी चीजों के बारे में इस लेख में पूरी जानकारी दी जाएगी जिसे आपको अंत तक पढ़ना होगा, वैसे यह बात तो बहुत ही दिलचस्प है की 5000 महिलाओं और इतने सारे बेगमों में से सिर्फ एक ही महिला चुनी जाती थी और जो भी महिला मौका पाती थी वह मालामाल हो जाती थी। आख़िर मुगल बादशाह किस तरह से तय करते थे कि आज की रात कौन सी महिला के साथ रात बितानी है, तो चलिए जानते है इसके बारे में

Mughal Harem में महिलाओं के साथ बादशाह करते थे यह काम

मुगल बादशाह के हरम में सिर्फ मुगल बादशाह ही आते जाते थे उनके अलावा किसी और को जाने की इजाजत नहीं थी मुगल बादशाह जब चाहे तब मुगल हरम में प्रवेश करते थे और उनका जो मन वह करते थे अगर उनका मन करता था की हजारों महिलाओं में से किसी एक महिला को चुनकर अपनी सेवा करवानी है या समय व्यतीत करना है तो वे ऐसी महिला को चुनते थे जो सुंदर सुशील और गुणवान होती थी और उसे महिला से मुगल बादशाह अपनी सेवा करवाते थे और आसन लगाकर बादशाह बैठते थे उनके अगल-बगल बेगम हुआ करती थी उनके साथ-साथ बहुत सारी महिलाएं भी हुआ करती थी लेकिन मुगल बादशाह सिर्फ अपनी मनपसंद महिला को ही चुनते थे और उनसे अपनी मालिश करवाते थे और संगीतों की धुन पर नाच गाना भी करवाते थे, मुगल हरम में वह काम बिल्कुल भी नहीं हुआ करता था जिसके बारे में आप सोच रहे हैं क्योंकि मुगल हरम में भी कई सारे कायदे कानून थे जिसका उल्लंघन कोई भी नहीं कर सकता था और जो भी इस नियम के परे जाता उसे कठिन से कठिन सजा मिलती थी। इसीलिए मुगल हरम के महिलाओं के लिए मुगल बादशाह ने सुरक्षा के लिए सैनिकों को लगाया था और वहां की महिलाओं के सुरक्षा के लिए द्वार पर पहरेदारी भी हुआ करते थे ताकि मुगल हरम की किसी भी महिलाओं को कोई भी कठिनाइयों का सामना न करना पड़े यहां तक की मुगल हरम की महिलाओं को सोना चांदी हीरे मोतियों से भी मुगल बादशाह भर दिया करते थे उनके खान-पान जैसे सभी व्यवस्थाओं को सही ढंग से किया जाता था।

ऐसे तय होता था, आज की रात बादशाह के बिस्तर में कौन होगा

मुगल बादशाह की इच्छा के पार कोई भी नहीं जा सकता था बादशाह का जो भी इच्छा होता वह वही करते थे लेकिन वह मुगल हरम के मान मर्यादा को ध्यान में रखते हुए ही कोई भी कदम उठाते थे क्योंकि मुगल हरम के नियमों का उल्लंघन वे खुद भी नहीं करते थे और ना तो किसी को करने देते थे लेकिन बादशाह का जब तक मन नहीं भरता था तब तक वह महिलाओं से नाच गाना करवाते थे और अपनी सेवा करवाते अब रही बात बादशाह के बिस्तर तक जाने की तो बादशाह के बिस्तर पर कौन होगा यह बादशाह स्वयं तय करते थे जब भी बादशाह को गहरी नींद आती तभी बादशाह अपने बेगम या कोई खास व्यक्ति के साथ सोने चले जाते थे बादशाह को नाच गाना संगीत और शराब का भी बहुत ज्यादा शौक था मुगल बादशाह को रात में शराब पिए बिना नींद नहीं आती थी और जब तक वे मुगल हरम की महिलाओं के साथ अपना समय व्यतीत ना करें तब तक वे नहीं सो पाते थे।

Mughal Harem में कोई भी अन्य व्यक्ति नहीं कर पता था प्रवेश

मुगल हरम में बिना मुगल बादशाह के इच्छा के कोई भी अन्य व्यक्ति मुगल हरम में प्रवेश नहीं कर पता था और ना तो मुगल हरम की कोई भी महिला मुगल हरम से बाहर निकाल पाती थी, जब तक बादशाह ना बोले तब तक मुगल हरम में कोई भी अन्य व्यक्ति या मुगल हरम के कोई भी सैनिक मुगल हरम में प्रवेश नहीं करते थे इसके साथ ही मुग़ल हरम में इतने कड़े नियम थे कि कोई भी व्यक्ति उसे नियम को तोड़ने की साहस नहीं करता था यहां तक की मुगल हरम की सभी महिलाएं भी बादशाह से थर-थर करती थी कि कहीं कोई गलती ना हो जाए और बिना बादशाह के मर्जी के वहां की महिलाएं दरवाजे से बाहर कदम तक नहीं रखती थी।

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