Navratra ka Chautha Din: आज है नवरात्रि का चौथा दिन सभी भक्तजन इन तरीकों से करें मां कुष्मांडा की पूजा, जानें पूजन विधि, शुभ मुहूर्त, भोग और मंत्र

Navratri 2023: आज है 18 अक्टूबर 2023 यानी Navratra ka Chautha Din और आज के दिन देवी मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है सभी भक्तजन माता के चौथे रूप कुष्मांडा देवी की उपासना करके उनसे सुख समृद्धि का सौभाग्य प्राप्त करते हैं आईए जानते हैं की नवरात्रि के चौथे दिन में देवी कुष्मांडा का पूजा अर्चना कैसे करें-

Navratra ka Chautha Din कौन से देवी की पूजा की जाती है?

Navratra ka Chautha Din: आज है नवरात्रि का चौथा दिन सभी भक्तजन इन तरीकों से करें मां कुष्मांडा की पूजा, जानें पूजन विधि, शुभ मुहूर्त, भोग और मंत्र
 मां कुष्मांडा

आज है नवरात्रि का चौथा दिन और आज के दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है क्योंकि नवरात्रा के चौथे दिन को मां कुष्मांडा के लिए ही समर्पित किया गया है देवी मां कुष्मांडा 8 भुजाएं वाली है इसलिए मां कुष्मांडा को अष्टभुजा वाली देवी भी कहा जाता है मां कुष्मांडा के आठों भुजाओं में कमल कमंडल बढ़ गधा चक्र और माला आदि चीज विराजमान है।

Navratra ka Chautha Din में क्या भोग लगाएं

आज है शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन 18 अक्टूबर 2023 को नवरात्रि का चौथा दिन है और आज मां कुष्मांडा देवी की आराधना की जाएगी और कुष्मांडा देवी की प्रिय भोग मालपुआ है जो भी भक्तजन अगर मां कुष्मांडा के मनपसंद भोग लगाना चाहते हैं तो वह कुष्मांडा को मालपुआ का भोग अवश्य लगाएं।

Navratra ka Chautha Din: आज है नवरात्रि का चौथा दिन सभी भक्तजन इन तरीकों से करें मां कुष्मांडा की पूजा, जानें पूजन विधि, शुभ मुहूर्त, भोग और मंत्र

 

Navratra ka Chautha Din में कौन से रंग का कपड़ा पहने

नवरात्रि के चौथे दिन में मां कुष्मांडा की पूजा करने के लिए सभी भक्तजन लाल रंग का वस्त्र धारण कर सकते हैं क्योंकि लाल रंग में कुष्मांडा को अत्यधिक प्रिय है और अगर आप चाहे तो मां कुष्मांडा को लाल रंग का फूल लाल रंग का वस्त्र भी चढ़ा सकते हैं।

Navratra ka Chautha Din: आज है नवरात्रि का चौथा दिन सभी भक्तजन इन तरीकों से करें मां कुष्मांडा की पूजा, जानें पूजन विधि, शुभ मुहूर्त, भोग और मंत्र

Navratra ka Chautha Din, मां कुष्मांडा का मंत्र

  1. बीज मंत्र: ऐं ही दैव्यै नमः
  2. ओम ऐं हिम् क्लीम चामुंडाय विच्चे
  3. या देवी सर्वभूतेषु कुशमांडे रूपेश संस्थिता नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमो नमः

Navratra ka Chautha Din में पूजा करने का शुभ मुहूर्त

नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा करने का शुभ मुहूर्त, सुबह 6:00 बजे से 9:15 तक है इस शुभ मुहूर्त में आप सभी लोग सुबह स्नान ध्यान करके मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना कर सकते हैं।

Navratra ka Chautha Din मां कुष्मांडा की पूजन विधि

  • नवरात्रि के चौथे दिन में मां कुष्मांडा की पूजा करने के लिए सबसे पहले आप सुबह स्नान करके वह पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र कर ले
  • उसके बाद आप पूजा स्थल पर मां कुष्मांडा देवी की तस्वीर या मूर्ति रखकर मां के मूर्ति पर सिंदूर और कुमकुम लगाए।
  • फिर मां कुष्मांडा को लाल रंग का फूल चढ़ाएं और लाल रंग की चुनरी भी अर्पित करें
  • इसके बाद घी का दीपक जलाकर मां कुष्मांडा की मूर्ति के सामने रख दे और ध्यानपूर्वक मां कुष्मांडा की अर्चना करें और अपनी मनोकामनाएं को मां कुष्मांडा देवी के सामने रखें
  • उसके बाद कुष्मांडा देवी को कद्दू के आटे का मालपुआ भोग के रूप में चढ़ाए।

मां कुष्मांडा की कथा

आज नवरात्रि का चौथा दिन है और आज के दिन नहीं भारत द्वारा आप सभी को मां कुष्मांडा देवी के की कथा सुनाई जाएगी कहा जाता है कि जब पूरे संसार में अंधकार ही अंधकार था तब मां दुर्गा देवी की हंसी और मुस्कुराहट से ब्रह्मांड की रचना हुई थी इसीलिए मां देवी के इस रूप को कुष्मांडा कहा जाता है साथ ही कुछ लोगों का यह भी मंदा है कि अगर कोई भी भक्त व कुछ मंदा देवी की पूजा करता है तो उसके आयु में वृद्धि होती है और उन्हें सुख समृद्धि का आशीर्वाद भी मिलता है। मां कुष्मांडा 8 भुजाओं वाली है इसलिए मां कुष्मांडा को अष्टभुजाओं वाली देवी भी कहा जाता है मां के अटो भुज में अलग-अलग तरह के शास्त्र विराजमान होते हैं और मां कुष्मांडा सिंह पर सवार होती है जो भी भक्त सच्चे मन से मां कुष्मांडा की पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं मां कुष्मांडा अवश्य पूरी करती है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल?

कुष्मांडा माता कौन थी?

नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। माता कुष्मांडा अपनी मंद और हंसी के द्वारा ब्रह्मांड को उत्पन्न करने वाली देवी है इन्होंने ही ब्रांड की रचना की थी।

माता कुष्मांडा की उत्पत्ति कैसे हुई?

हिंदू शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि माता कुष्मांडा की उत्पत्ति उसे समय हुआ था जिस समय इस सृष्टि की नामोनिशान नहीं था, तो मां दुर्गा ने इस अंड यानी ब्रह्मांड की रचना की थी इसी कारण उन्हें कुष्मांडा कहा जाता है।

कुष्मांडा देवी को क्या चढ़ाएं?

नवरात्रि के दौरान माता कुष्मांडा की पूजा करते समय पीला चंदन लगाएं और कुमकुम,मौली और अक्षत चढ़ाएं ।

कुष्मांडा को कौन सा कलर पसंद है?

नवरात्रि के चौथे दिन माता कुष्मांडा की पूजा की जाती है इस दिन नारंगी रंग का वस्त्र धारण कर माता कुष्मांडा की पूजा रचना करें इससे माता कुष्मांडा प्रसन्न हो जाएगी।

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