Navratri 2023: दुर्गा मां की मूर्ति बनाने के लिए वेश्यालय के आंगन की मिट्टी का उपयोग क्यों किया जाता हैं?

Navratri 2023: पुरे विश्व में नवरात्रि के इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, खासकर हिंदू धर्म में नवरात्रि के इस पवित्र पर्व को बहुत ही श्रद्धा भाव से मनाया जाता है नवरात्रि के इस 9 दिनों में मां दुर्गा के नव रूपों की पूजा आराधना की जाती है। शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा बुराई का नाश और अपने भक्तों की रक्षा करने वाली आ जाती हैं। अगर हम शारदीय नवरात्रि में रखी जाने वाली मूर्ति निर्माण के बारे में बात करें तो हिंदू मान्यताओं के अनुसार दुर्गा पूजा के लिए मां दुर्गा की जो मूर्ति बनाई जाती है वह वेश्यालय के आंगन की मिट्टी से तैयार की जाती हैं आईए जानते हैं इस प्रथा के बारे में पूरी जानकारी और क्या है इसके पीछे की सच्चाई

Navratri 2023 : वेश्यालय के आंगन की मिट्टी से तैयार की जाती है दुर्गा मां की मूर्ति

Navratri 2023
दुर्गा मां की मूर्ति बनाने के लिए वेश्यालय के आंगन की मिट्टी का उपयोग क्यों किया जाता हैं?

आप सभी को यह बात जानकर बहुत ही आश्चर्य होगा की नवरात्रि में मां दुर्गा की मूर्ति की पूजा करने में जिस मिट्टी का उपयोग किया जाता है उसे मिट्टी को वेश्यालय के आंगन से लाया जाता है क्योंकि हिंदू मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि मां दुर्गा की मूर्ति बनाने के लिए गंगा तट की मिट्टी या गोबर और वेश्यालय के आंगन की मिट्टी को ही उपयोग में लाया जाता है, लेकिन अगर पवित्रता की बात करें तो मूर्तिकार द्वारा इस मूर्ति को वेश्यालय की मिट्टी से ही बनाया जाता है क्योंकि तभी यह मूर्ति पवित्र मानी जाती है अन्यथा इस मूर्ति की पवित्रता भंग मानी जाती है, कुछ लोगों का यह कहना है कि इसके पीछे बहुत ही गहरा राज छुपा हुआ है जिसे आप सभी को जानना चाहिए आज के इस लेख में नई भारत द्वारा आप सभी को यह जानकारी दी जाएगी की क्या वाकई में मां दुर्गा की मूर्ति को वेश्यालय के आंगन की मिट्टी से बनाया जाता है या यह बात अंधविश्वास है, आइए इन बातों को अच्छी तरह से डिटेल में जानते हैं।

क्या है वेश्यालय के आंगन से मिट्टी लेने की सच्चाई

कहा जाता है कि हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि मंदिर के पुजारी या कार्य मूर्ति मूर्ति निर्माण करता द्वारा वैश्याओ के आंगन में जाकर वहां की वेश्याओं से मिट्टी मांगा जाता है और वह तब तक वापस नहीं आते हैं जब तक उन्हें मिट्टी नहीं मिल जाती अगर वैश्याए मिट्टी देने से मना भी करती है तो भी जबरदस्ती उनसे तब तक मिट्टी मांगते रहते हैं जब तक कि उन्हें मिल ना जाए। लेकिन पूरी तरह से यह नहीं कहा जा सकता है कि मूर्ति कार्य पुजारी द्वारा वेश्यालय के आंगन की पूरी मिट्टी से ही मूर्ति का निर्माण किया गया हो यह सिर्फ शगुन के तौर पर एकदम थोड़े से ही मिट्टी लेकर भी मूर्ति का निर्माण किया जा सकता है मान्यताओं के अनुसार कहां जाता है कि माता की मूर्ति बनाने के लिए ज्यादातर चार चीजों की जरूरत होती है जो की पहल है गंगा तट की लाई हुई मूर्ति दूसरा गोमूत्र तीसरा गोबर और चौथा है वेश्यालय की मिट्टी।

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दुर्गा मां की मूर्ति बनाने के लिए वेश्यालय के आंगन की मिट्टी का उपयोग क्यों किया जाता हैं?

कौन लाता है वेश्यालय के आंगन से मिट्टी

हिंदू धर्म और मान्यताओं के अनुसार यह बताया गया है कि शारदीय नवरात्रि में जो दुर्गा माता की मूर्ति रखा जाता है वह उसमें उपयोग किए गए मिट्टी को वेश्यालय से लाया जाता है लेकिन अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर यह मिट्टी लेने कौन जाता होगा और इसका उपयोग मूर्ति बनाने में क्यों किया जाता है तो आप सभी को बता दे की इसके पीछे कुछ अलग ही मानता है कहां जाता है कि वेश्यालय के घर के बाहर की मिट्टी का इस्तेमाल करने के पीछे एक अलग ही राज है मां दुर्गा जी की मूर्ति बनाने के लिए मिट्टी लेने मूर्ति कार्य पुजारी जाता है जो की तब तक वहां से वापस लौट के नहीं आता जब तक उसे मिट्टी मिल नहीं जाती अगर वहां मौजूद औरतें मिट्टी देने से मना करती हैं तो भी वह बिना मिट्टी लिए वहां से वापस नहीं जाते क्योंकि जब तक मां दुर्गा की मूर्ति में वेश्यालय के मिट्टी का इस्तेमाल न किया गया हो तब तक वह मूर्ति पवित्र नहीं मानी जाती है इसीलिए मूर्ति बनाने में वेश्यालय के आंगन की मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है और यह मिट्टी पुजारी या मूर्तिकरो द्वारा लाया जाता है

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दुर्गा मां की मूर्ति बनाने के लिए वेश्यालय के आंगन की मिट्टी का उपयोग क्यों किया जाता हैं?

मूर्ति निर्माण में क्या है वेश्यालय के आंगन की मिट्टी का महत्व

हिंदू मान्यताओं और प्रत्येक रीति रिवाज को देखते हुए आज भी यह प्रथा सदियों से आज तक चली आ रही है कहां जाता है कि नवरात्रि में दुर्गा जी की मूर्ति बनाने के लिए वेश्यालय के मिट्टी की आवश्यकता जरूर होती है इसके बिना मूर्ति पवित्र नहीं मानी जाएगी इसके पीछे कुछ ऐसे राज और मान्यताएं भी छुपे हुए हैं इसके बारे में आज बहुत ही कम लोग जानते होंगे नीचे कुछ मान्यताएं और महत्व बताए गए हैं जिन्हें आप जान सकते हैं

  • कुछ लोगों का कहना है कि जब कोई भी पुजारी या मूर्ति निर्माण रख व्यवसालय मिट्टी लेने के लिए जाता है तो वह अपनी पवित्रता वहीं छोड़ आता है जिससे कि वहां की मिट्टी पवित्र हो जाती है
  • इसके साथ ही वेश्यालय की मिट्टी को पवित्र मानने का दूसरा महत्व यह भी है कि महिषासुर ने मां दुर्गा के सम्मान के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की थी जिसके परिणाम स्वरूप मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था इसी कहानी के अनुसार वेश्यालय की मिट्टी को पवित्र माना जाता है
  • कुछ यह भी मान्यताएं हैं की वेश्याओं को उनके बुरे कर्म की मुक्ति दिलवाने के लिए उनके घर से मिट्टी लाकर मूर्ति बनाने में प्रयोग किया जाता है ताकि उनके पापों का शुद्धिकरण किया जा सके।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल?

1. मां दुर्गा किसकी बेटी थी?

पौराणिक कथायों के अनुसार मां दुर्गा देवी पार्वती और पर्वत राजा हिमवान की बेटी थी, मां दुर्गा का उत्पन्न पहाड़ से हुआ था।

2. मां दुर्गा का असली नाम क्या था?

बहुत लोग नहीं जानते हैं की मां दुर्गा का असली नाम क्या था  तो आपको बता दे की मां दुर्गा का असली नाम दाक्षायनी था।

3. दुर्गा जी को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?

मां दुर्गा के पूजा करते समय कनेर,धतूरा और मदार के पुष्प नहीं चढ़ाना चाहिए।  इससे मां दुर्गा नाराज हो जाती हैं?

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