कौन थे राजा मेदिनी राय,जिनके नाम पर पड़ा मेदिनीनगर शहर का नाम

हमारे देश में कई राजा महाराजा हुए जिनका जिक्र अपनी-अपनी बहादुरी और क्षेत्र के हिसाब से जाना जाता है। भारत को राजाओं का देश भी कहा जाता है क्योंकि भारत में हजारों राजाओं ने राज किया इसी श्रेणी में जनजातीय समुदाय से आने वाले राजा मेदिनी राय थे जिनका जिक्र झारखंड राज्य के पलामू जिले में किया जाता है, राजा मेदिनी राय अपने समय में बड़े-बड़े राजा महाराजाओं के छक्के छुड़ाए थे इनका जिक्र आज जनजातीय समाज ही नहीं बल्कि पूरे झारखंड के लिए गौरव कहा जा सकता है। आज हम लोग इस पोस्ट में जानेंगे कि कौन थे राजा मेदिनी राय जिनके नाम पर झारखंड के पलामू जिले के शहर मेदनीनगर का नाम पड़ा-

राजा मेदिनी राय कौन थे?

चेरो वंश के राजा मेदिनी राय सन् 1658 से 1674 तक झारखंड राज्य के पलामू जिले के राजा थे। राजा मेदिनी राय ने दक्षिण गया, हजारीबाग और सरगुजा पर अपना साम्राज्य विस्तार किया।  राजा मेदिनी राय अपने समय में एक वीर योद्धा मानें जाते थे,राजा मेदिनी राय एक प्रमुख ऐतिहासिक व्यक्तित्व थे इन्होंने अपने समय में अपनी अद्वितीय प्रशासनिक योग्यता के लिए प्रसिद्ध थे। राजा मेदिनी राय ने छोटानागपुर के राजा रघुनाथ शाह को पराजित कर सतबरवा के पास पलामू के दुर्ग में एक किला का निर्माण कराया। राजा मेदिनी राय द्वारा निर्माण किए गए किला वर्तमान समय में पूरी तरह से जर्जर हो चुका है,लेकिन ये आज भी इस क्षेत्र की शान हैं और पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण केंद्र भी।  इस पुराने किलों को देखने के लिए साल में देश-विदेश से लाखों सैलानी घूमने आते हैं और यहां के खूबसूरत वादियां को देखकर मोहित हो जाते हैं क्योंकि पलामू घने जंगलों से गिरा हुआ सुंदर और आकर्षित पर्यटक स्थल है। सन 1660 ईस्वी में पलामू के इलाके में औरंगजेब का आगमन होता है जिसमें औरंगजेब और चेरो राजा मेदिनी राय के साथ जंगल में लड़ाई हो जाती है इस युद्ध में मेदिनी राय को हार का सामना करना पड़ता है, इस हार के बाद मुगलों ने मेदिनी राय के द्वारा बनाए गए किलो पर कब्जा कर लिया है और इस क्षेत्र को अधीनता में लाया जाता है। इस युद्ध में हार के बाद मुगलों ने खेरों राजधानी को पूरी तरह से सत्यानाश कर दिया इसके साथ-साथ हिंदू मंदिर भी तोड़े गए औरंगजेब कहना चाहता था कि सभी राजा इस्लाम धर्म ग्रहण करें। इस हार के बाद राजा मेदिनी राय सरगुजा भाग गए। कुछ दिनों के बाद इन्होंने फिर पलामू के इलाके में अपना अधिकार स्थापित कर लिया और जो मुगल आक्रमणकारियों के द्वारा चीजें ध्वस्त किया गया था उसे ठीक किया इस क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए इन्होंने कई प्रयास किये इन्होंने इस क्षेत्र को एक समृद्ध क्षेत्र बनाया यहां के स्थानीय लोगों को इन्होंने फिर से भोजन और जीवन यापन करने की अन्य सुविधाएं प्रदान की।  इसी कारण से आज भी इस क्षेत्र के लोग इन्हें भगवान की तरह पूजते हैं, इसी कारण से पलामू जिले का मुख्यालय जो की डाल्टनगंज था उसे बदलकर इन्हीं के नाम पर मेदिनीनगर रखा गया।

मेदिनीनगर: एक पर्यटन स्थल

मेदिनीनगर आज झारखंड राज्य में स्थित एक नगर है जो अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यहाँ पर आपको प्राचीन मंदिर, ऐतिहासिक किले, और प्राकृतिक खूबसूरती का दृश्य मिलेगा। इसके अलावा, यहाँ के स्थानीय बाजार और खासियती खाना भी आपके मनोरंजन के लिए है। अगर आपको मौका मिले तो इस क्षेत्र का भ्रमण जरूर करें यहां की खूबसूरत वादियां बेहद ही आनंदमय हैं।

इस जिले की मुख्य फसल धान और गन्ना है, सोन, कोयल और औरंगा जैसी प्रमुख नदियां बहती है पलामू जिले में प्रचुर मात्रा में खनिज पाया जाता है जैसे- लौह अयस्क, बॉक्साइट, लिथियम, डोलोमाइट और कोयला जैसे अन्य कई खनिज पाए जाते हैं। 

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