Why Is Singrauli Famous: मध्य प्रदेश का 50वां जिला सिंगरौली जिला है, जिसे 24 मई 2008 को सीधी से अलग करके एक नया जिला बनाया गया था। कुछ वर्ष पहले सिंगरौली जिला घने जंगल और खतरनाक जानवरों से बसा हुआ था लेकिन आज सिंगरौली जिला एक ऐसा जिला बन चुका है जिसे मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक और सौंदर्य पूर्ण जिला कहा जाता है, सिंगरौली जिले में ऐसे कई तापीय विद्युत षड्यंत्र और पर्यटन स्थल है जिससे सिंगरौली जिला काफी ज्यादा प्रचलित माना जाता है,
कहा जाता है कि सिंगरौली जिले में पहले जंगली जानवर और आदिवासी के अलावा कोई और नजर तक नहीं आता था लेकिन आज सिंगरौली जिला एक भव्य और प्रसिद्ध जिला बन चुका है, अगर आप भी सिंगरौली जिले में कभी भी घूमने जाते हैं या वहां नौकरी करने जाते हैं तो उससे पहले आप लोगों को सिंगरौली जिले के बारे में जानना अत्यधिक महत्वपूर्ण है, आज के इस आर्टिकल के माध्यम से naibhart.com द्वारा सिंगरौली जिले के बारे में कुछ जानकारियां प्रदान की जाएगी, आईए जानते हैं Why Is Singrauli Famous मध्य प्रदेश का 50 वां जिला सिंगरौली जिला क्यों प्रसिद्ध है?
यहां से हुई सिंगरौली जिले के नाम की उत्पत्ति
अब आप लोगों के मन में यह सवाल होगा कि मध्य प्रदेश का 50वां जिला सिंगरौली जिला का नाम सिंगरौली क्यों पड़ा और कैसे पड़ा? तो जानकारी के लिए आप लोगों को बता दे की सिंगरौली जिले का पुराना नाम श्रृंगवल्ली था और यह नाम सिंगरौली जिले के तपस्वी ऋषि, श्रृंगी ऋषि के नाम पर रखा गया था। श्रृंगी ऋषि प्राचीन भारत के रामायण युग के प्रसिद्ध हिंदू संत थे। श्रृंगवल्ली नाम को धीरे-धीरे सिंगरौली का नाम दे दिया गया जिसे अब लोग सिंगरौली के नाम से जानते हैं।
सिंगरौली जिला कोयला उत्पादन और बिजली संयंत्र के लिए प्रसिद्ध है
मध्य प्रदेश का 50वां जिला सिंगरौली जिला कोयला खदान और तापीय ऊर्जा उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। सिंगरौली जिले में एनटीपीसी, एनसीएल, कोल माइंस, रिलायंस, हिंडालको जैसे अनेकों कंपनियां है जिसकी वजह से (Singrauli District Is Famous For Coal Production And Power Plants) सिंगरौली जिला अक्सर सुर्खियों पर बना रहता है। सिंगरौली जिला रीवा रियासत का एक हिस्सा माना जाता था जो बघेलखंड क्षेत्र का एक हिस्सा था। सिंगरौली जिला प्राकृतिक और खनिज संसाधनों की प्रचुरता वाला क्षेत्र है।
सिंगरौली जिले में खनिज संसाधन और थर्मल पावर प्लांट की संख्या इतनी ज्यादा है कि सिंगरौली जिले को ऊर्जा की राजधानी (ऊर्जाधानी) का उपनाम दिया गया। इसके अलावा सिंगरौली जिले में सिंगरौली के अलावा अन्य राज्य एवं अन्य जिले के लोग नौकरी करने के लिए दूर-दूर से आते हैं, क्योंकि सिंगरौली जिले में इतने सारे कंपनी और इंडस्ट्री हैं कि लोग दूर-दूर से यहां रोजगार के लिए आते हैं और पूरा परिवार सहित यहीं बस जाते हैं।
सिंगरौली जिले के विभिन्न पर्यटन स्थल
सिंगरौली जिले में ऐसे कई पर्यटन स्थल हैं जिसकी वजह से सिंगरौली जिला प्रसिद्ध है वैसे तो सिंगरौली जिला तापीय ऊर्जा और कोयला उत्पादन के लिए जाना जाता है लेकिन सिंगरौली जिले के प्रसिद्ध होने की एक और वजह (Various Tourist Places of Singrauli District) पर्यटन स्थल भी माना जाता है। सिंगरौली जिले में ऐसे कई पर्यटन स्थल है जो काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। जानकारी के लिए आप लोगों को बता दे की सिंगरौली जिले का माडा गुफा, जल जलिया बाग, रावण विवाह गुफा, झींगुर्दह हनुमान मंदिर, रोज गार्डन, लेक पार्क, रिहंद डैम, काचन डैम सहित अन्य कई पर्यटन स्थल शामिल है।
इसके अलावा यहां बहुत से नदियां, जलप्रपात एवं प्राकृतिक सुंदरता देखने को मिलती है जहां पर लोग दूर-दूर से घूमने के लिए आते हैं अगर आप भी कभी सिंगरौली जिले में आए तो इन सभी पर्यटन स्थलों पर एक बार घूमने जरूर जाएं।
सिंगरौली जिले को कहा जाता है मध्य प्रदेश की ऊर्जा राजधानी (Energy Capital Of Madhya Pradesh)
मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले को ही मध्य प्रदेश की ऊर्जा राजधानी कहा जाता है। क्योंकि सिंगरौली जिले में भारत की सभी प्रमुख ऊर्जा कंपनियों के प्रोजेक्ट के कार्य चलते हैं कोयला उत्पादन से लेकर के बिजली उत्पादन तक का काम सिंगरौली जिले में ही किया जाता है। यहां पर कोयले को काला सोना के नाम से भी जाना जाता है, ऐसे कई इंडस्ट्री और कंपनी है जो कोयला का उत्पादन करती है जैसे एनटीपीसी, NCL कोल माइंस इत्यादि, इसके अलावा सिंगरौली जिले में 20,000 मेगावाट से भी ज्यादा बिजली का उत्पादन किया जाता है।
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